यदि कोई व्यक्ति सप्ताह में 3 बार ही मल त्याग करता है तो इसे कब्ज़ की स्थिति माना जाता है। इससे पाचन तंत्र प्रभावित होते हैं। जिसके कारण शौच करने में बहुत पीड़ा होती है। आजकल कब्ज़ की समस्याओं से बच्चे और युवा पीढ़ी दोनों परेशान हो चुके हैं। व्यक्ति दो या तीन दिन तक सोच नहीं जा पाता है, तो कब्ज की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
कब्ज़ कई कारणों से होता है :
- जो व्यक्ति बाजार की वस्तु मतलब जंक फूड का सेवन ज्यादा करता है। उसे कब्ज की समस्या हो सकती है घर के खाने में फाइबर नहीं होता है।
- दूध, मक्खन, चिकना पदार्थ, तैलियुक्त पदार्थ इन सब को ज्यादा खाने से कब्ज की समस्या होती है।
- अगर कोई व्यक्ति बाहर कहीं घूमने के लिए जाता है तो उसके खाने में बदलाव आ जाता है इससे भी कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है।
- गर्भावस्था के दौरान महिला कि शरीर में होने वाली हार्मोन परिवर्तन के कारण भी कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है।
- दवाओ का सेवन किसी भी बीमारी से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। लेकिन कुछ ऐसी दवाइयों का सेवन कब्ज की बीमारी का कारण भी बन सकता है।
- आजकल इस भागदौड़ भरे जीवन में हर व्यक्ति पर काम का इतना बोझ है कि व्यक्ति भरपूर नींद नहीं ले पाता है पर्याप्त नींद न लेने के कारण पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता है और कब्ज जैसी समस्या हो सकती है।
इन 3 आसनों से होंगे कब्ज दूर :
1. पवनमुक्तासन :
इस योगासन से गैस को बाहर निकालने में मदद मिलती है। यह आसन गुरु दा में मांस पेशियों के तनाव को कम करने में भी मदद करता है।
विधि :
- जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
- बाएं घुटने को मोड़ने हुए उसे पेट के पास ले आए।
- सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों की उंगलियां को आपस में फंसाए।
- उंगलियों को घुटनों के नीचे रखेंगे।
- सिर को जमीन से उपर उठाएं और नाक से घुटनों को छूने की कोशिश करें।
- इस मुद्रा को बार बार दोहराएं।
2. बालासन :
बालासन शरीर को रिलैक्स करने में मदद करता है। इससे कमर दर्द, गर्दन दर्द, स्ट्रेस और थकान दूर होता है।
विधि :
- फर्श पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
- धीरे-धीरे अपने घुटनों को बाहर की ओर जितना हो सके फैलाएं।
- गहरी सांस लेते हुए आगे की ओर झुके।
- पेट को दोनों जांघों के बीच लाते हुए सांस छोड़ें।
- सीधी को गर्दन से पीछे उठाने की कोशिश करें।
- इस स्थिति में 30 सेकंड तक बने रहे।
3. धनुरासन :
इस आसान को पीछे की तरफ पीठ मोड़ कर किआ जाता है जिससे छाती खुलती है। यह ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है।
विधि :
- फर्श पर पेट के बल लेट जाएं।
- पैरों को सटाकर हाथों को पैरों के पास रखें।
- धीरे-धीरे घुटनों को पीछे से मोड़े और हाथों से पैर के पंजों को पकड़े।
- सास ले और सीने को उठाएं।
- शरीर धनुष की तरह खींचा हुआ रहे।
- करीब 30 सेकंड बाद सांस छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं।