पादहस्तासन करने के फायदे

पादहस्तासन करने के फायदे

Introduction

हाथों से लेकर पांव तक का पोज को पादहस्तासन कहा जाता है। मुख्य रूप से इस आसन की प्रैक्टिस सूर्य नमस्कार के दौरान और सूर्य नमन करने के लिए की जाती है। पादहस्तासन हमारे डाइजेस्टिव ऑर्गन यानी पाचन अंग को मसाज करती है, वह मांसपेशियों को भी मजबूती प्रदान करती है, इतना ही नहीं इस योग का अभ्यास करने से शरीर से अतिरिक्त वात (air) निकलता है। इसके नियमित सेवन से शरीर का ब्लड सरकुलेशन बेहतर होता है। पादहस्तासन की बात करें तो पाद का अर्थ पैर, हस्त का अर्थ हाथ और आसन का अर्थ पोज से है। इस योग को करने से बैलेंस और फ्लैक्सिबिलिटी हासिल होती है।

विस्तारपूर्वक जानें पादहस्तासन योग के फायदे :

1. स्वस्थ पाचन शक्ति :-

पादहस्तासन को अपनाकर खराब पाचन शक्ति को ठीक किया जा सकता है। इस योग को करने से हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम सुचारू रूप से काम करता है। इसके साथ ही पेट, आंत, लीवर संबंधित परेशानियों से भी बचा जा सकता है।

2. सामान्य रूप से बहता है खून :-

जब भी हम पादहस्तासन को करते हैं हाथों और पाव का मूवमेंट होने से हमारे शरीर में ब्लड सरकुलेशन सुचारू रूप से होता है। खासतौर पर शरीर के ऊपरी हिस्से में ब्लड लो अच्छे से होता है, ऐसा करने से शरीर के नर्वस और ऑर्गन में खून का प्रवाह अच्छा होता है। यही वजह है कि इस योग को करने से मनुष्य स्वस्थ रहता है।

3. तनाव से रहे मुक्त :-

यदि कोई व्यक्ति 30 सेकंड तक पादहस्तासन करें तो वह दिनभर रिफ्रेश महसूस करता है। योगासन करने से मनुष्य तनावमुक्त और थकान नहीं होता है, और वह हमेशा एनर्जी से भरपूर रहता है।

4. पादहस्तासन से बढ़ाएं हाइट :-

हाइट बढ़ाने के लिए पादहस्तासन बेहद कारगर योगाभ्यास उनमें से एक माना जाता है। लेकिन सिर्फ कुछ दिन करने से लाभ मिलना मुश्किल है इसलिए इस योग को रोजाना करें।

5. हमेशा हेल्दी और जवान रहे :-

पादहस्तासन योग को करने से हमेशा जवान रहने के साथ हेल्दी रहा जा सकता है। इसे करने से शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ हम मानसिक रूप से भी स्वस्थ रह सकते हैं। साथ ही व्यक्ति परफेक्ट शेप में आ सकता है।

6. रक्त संचार होता है बेहतर :-

पादहस्तासन से ब्लड सरकुलेशन बेहतर होता है नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन (NCBI) के अनुसार इस योगासन के बेहतर लाभ के लिए रोजाना पादहस्तासन करें।

7. शारीरिक ग्रंथि को उत्तेजित करता है :-

शारीरिक ग्रंथि को उत्तेजित करने में पादहस्तासन योग लाभदायक है। यह योग्य पोनियल और अधिवृक्क ग्रंथि को उत्तेजित करके उनकी कार्य प्रणाली को बेहतर बनाता है। पादहस्तासन योग लीवर और गुर्दे को स्वस्थ रखने के लिए एक अच्छा आसन है।

8. मांसपेशियों को करें सशक्त :-

पादहस्तासन करने से हाथों के साथ पांव की मांसपेशियों का खिंचाव होता है। इससे मांसपेशियां ना केवल फ्लैक्सिबल यानी लचीली होती है, बल्कि नाजुक भी होती है। वह आगे चलकर इससे पेट संबंधी परेशानी नहीं होने के साथ, मांसपेशियों में खिंचाव की परेशानी भी नहीं होती है।

पादहस्तासन करने की विधि :-

  1. सीधे खड़े हो और अपने हाथ अपने शरीर के साइड में रखें। सांस छोड़ते हुए कमर के जोड़ों से झुके। नीचे झुकते समय सांस छोड़ें।
  2. नीचे झुक कर अपने हाथों को पैरों के नीचे दबा लें, उंगलियां पूरी तरह से नीचे होनी चाहिए।
  3. जितना हो सके उतना धड़ को टांगों के करीब ले जाएं।
  4. इस आसन में रहते हुए सांस बिल्कुल ना रोकें।
  5. कुल मिलाकर 5 बार सांस अंदर और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकंड तक रह सके।

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