पीठ एवं कमर दर्द के लिए योगासन।

पीठ एवं कमर दर्द के लिए योगासन।

Introduction

हम सभी के जीवन में योग बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शरीर तथा मस्तिष्क के संबंधों में संतुलन बनाने में हमारी काफी सहायता करता है। शरीर की अलग-अलग बीमारियों के लिए कई तरह के अलग-अलग योग आसन किए जाते हैं। आजकल सभी लोग कमर दर्द और पीठ दर्द से परेशान रहते हैं और इसके इलाज के लिए कई तरह की दवाइयाँ लेते हैं लेकिन योगासन से इसे भी ठीक किया जा सकता है।

तो चलिए जानते हैं कि इन परेशानियों को दूर करने के लिए कौन से योगासन करने चाहिए:

1. मार्जरी आसन :

मार्जरी आसन को अंग्रेजी में ‘कैट पोज’ कहा जाता है। इस पोज को करने से रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों का लचीलापन बना रहता हैं। यह आसन आपके शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। यह आसन रीढ की हड्डी को अच्छा खिंचाव देता है। इसके साथ यह पेट दर्द और गर्दन दर्द में भी राहत देता है। इससे आपकी रीढ की हड्डी में लचीलापन आता है, इसके अलावा यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है।

मार्जरी आसन करने का सही तरीका :

  • आप अपने दोनों घुटनों को टेक कर बैठ जाए। अब अपने दोनों हाथों को फर्श पर आगे की ओर रखकर थोड़ा झुक जाएं, तथा दोनों हाथों पर थोड़ा भार देते हुए आप अपनी कमर को ऊपर की ओर उठा लें। इसमें आपकी छाती जमीन के समांतर होनी चाहिए।
  • अब आप लंबी सांस लेते हुए अपने सिर को पीछे की ओर झुका ले तथा नाभि को नीचे की ओर धकेले और कमर को ऊपर की ओर ले जाएं।
  • अब आप सांस छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे की ओर झुकाएं।
  • इस स्थिति में अपने घुटनों की दूरी को देखते रहे तथा ध्यान रहे कि इस आसन में आपके दोनो हाथ नहीं झुकने चाहिए।
  • ऐसा करने के बाद फिर आप लम्बी और गहरी सांस लें तथा फिर से वही विधि अपनाएं ।

2. उत्थित त्रिकोणासन :

यह आसन एक साथ तीन अलग-अलग कोणों से स्ट्रेच करने में मदद करता है, और पूरे शरीर के सामान्य कार्य को बेहतर ढंग से चलाने में मदद करता है। यह आसन कमर दर्द तथा गर्दन दर्द को कम करता है। यह आपकी कमर को फैलाता है और आपके पैरों, कंधों तथा छाती को मजबूत बनाता है। यह तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करता है तथा इस आसन को करने से आपकी कमर का आकार सही रहता है। यह पेट के दर्द को उत्तेजित करता है।

उत्थित त्रिकोणासन करने की विधि :

  • सबसे पहले आप खड़े होकर अपने दोनों पैरों को कुछ दूरी पर फैला ले, अब लंबी तथा गहरी सांस लें। सांस छोड़ते समय आप अपने दाएं ओर शरीर को कमर के नीचे की तरफ मोड़े।
  • कमर को झुकाते समय कमर सीधी रहनी चाहिए। अब आप दाएं हाथ को नीचे की ओर झुकाएं तथा बाएं हाथ को ऊपर की ओर ले जाएं।
  • अब आप दाएं हाथ से जमीन को छुएं तथा ध्यान रहे की शरीर हिलना नहीं चाहिए। सिर को सामान्य स्थिति में रखे तथा दाएं ओर झुकाएं। अब यही प्रक्रिया को बाएं पैर पर दोहराएं। .

3. सलंब भुजंगासन :

यह आसन ‘भुजंगासन’ का ही एक रूप है, इस आसन को करने से थकान कम होती है और साथ-साथ यह तनाव को दूर करने में मदद करता है। यह आसन आपकी छाती और कंधों को खोलने में मदद करता है और यह उन व्यक्तियों के लिए अच्छा होता है जिन्हें पीठ के निचले हिस्से में हमेशा दर्द रहता है क्योंकि इसमें रोटेशन कम होता है। इसलिए यह रीढ़ की हड्डी पर पड़ रहे दबाव को कम करता है। इस आसन को करने से आपके पैर भी मजबूत होते हैं तथा छाती भी चौड़ी होती है। इस आसन से कमर तथा पीठ पर हो रही सारी समस्याएं दूर हो जाती है।

सलंब भुजंगासन करने की विधि :

  • इस आसन को करने के लिए आप फर्श पर अपने पेट के बल लेट जाएं तथा दोनों पैरों को सीधा रख के अपने पैरों की उंगलियों को फर्श के समांतर रख ले। अब आप अपनी कोहनी को अपने कंधों के समांतर फर्श पर लाएं तथा हथेलियों को आगे की ओर ले जाएं।
  • अब गहरी तथा लंबी सांस लेते हुए अपने सिर को ऊपर की ओर ले जाएं तथा अपनी नाभि को फर्श पर ही टिका रहने दें। यह भी सुनिश्चित करें कि आपका पैर सीधा रहे तथा सिर बिल्कुल आगे की ओर, अब आप धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपने सिर तथा छाती को नीचे की ओर ले आए।

4. शलभासन :

इस आसन को ‘लॉक्स्ट पोज’ भी कहते हैं। यह आसन आपकी पीठ, कमर और छाती को मजबूत बनाता है। यह आपके पैरों तथा हाथों को भी मजबूत बनाता है। इस पोज को देखना आसान हो सकता है, लेकिन करना बहुत ही मुश्किल होता है। इस योगा को करने से आपका शरीर स्वस्थ्य रहता है, तथा कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है। यह आसन आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है तथा पीठ दर्द जैसी सारी समस्याओं को दूर करता है।

शलभासन करने की विधि :

  • सबसे पहले आप अपने पेट के बल लेट जाएं, अब अपने दोनों पैरों को एक दूसरे के समांतर रख के अपने पैर के पंजों को ऊपर की ओर उठा लें। अब अपने दोनों हाथों को सीधा जमीन पर रख के दोनों जांघों के बीच दबा लें। अब आप अपने सिर और मुंह को सीधा रखें।
  • अब अपने आप को सामान्य रखते हुए गहरी सांस ले, तथा आप अपने दोनों पैरों को जितना हो सके उतनी ऊंचाई तक उठाने की कोशिश करें।
  • ऐसे करते हुए आपको ध्यान रखना है कि आप इसे कम से कम 20 सेकंड तक करें, अब धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए अपने पैरों को नीचे की ओर लाएं।

5. सेतुबंधासन :

सेतुबंधासन आपके शरीर को शक्ति और खिंचाव देने का अच्छा काम करता है, यह आसन आपके सिर दर्द और कमर दर्द को कम करता है। यह आसन आपके मन और शरीर के बीच अच्छा तालमेल बनाने में मदद करता है और आपके शरीर को तनाव से मुक्त करता है। सेतुबंधासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है तथा छाती कमर, रीढ़ में खिंचाव लाता है।

यह आसन मस्तिष्क को शांत करता है और पाचन में सुधार लाता है। इस आसन को करने से पेट की सारी समस्याएं दूर होती है तथा फेफड़ों की समस्याएं भी दूर होती है। इस आसन से आपकी तनाव, चिंता तथा अनिद्रा जैसी बीमारियां भी दूर हो जाती है।

सेतुबंधासन करने की विधि :

  • सबसे पहले आप अपनी पीठ के बल लेट जाएं तथा अपने हाथों को फर्श पर सीधा रख लें, टांगो को मोड कर अब आप अपने पैरों को अपनी कमर के पास ले जाएं, जितना करीब हो सके उतना करीब ले जाएं।
  • अब आप गहरी सांस लेते हुए अपनी कमर को ऊपर की ओर उठाएं तथा ध्यान रहे की हाथ फर्श पर ही रहे।
  • पैरों को मजबूती से फर्श पर ही टिका रहने दे तथा अपनी क्षमता के अनुसार ही कमर को ऊपर ले जाएं। अब आप अपने दोनों हाथों को जोड़ लें तथा मुमकिन हो तो आप अपने ध्यान को नाक पर केंद्रित करें या फिर आप छत की ओर भी देख सकते हैं।
  • अब अपनी सांसो को छोड़ते हुए अपनी कमर को नीचे लाएं तथा इस आसन को बार-बार दोहराएं।
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