सूर्य नमस्कार करने से काबू में रहेगा डायबिटीज़, जाने क्यों बच्चों को भी करना चाहिए ये आसन।

सूर्य नमस्कार करने से काबू में रहेगा डायबिटीज़, जाने क्यों बच्चों को भी करना चाहिए ये आसन।

Introduction

डायबिटीज़ इर्रेगुलर खान -पान और इर्रेगुलर रूटीन के वजह से होने वाली खतरनाक बीमारी है। जब बॉडी में ब्लड शुगर का लेवल इर्रेगुलर हो जाता है ,तो डाइबिटीज़ का खतरा बढ़ने लगता है। योग कई बड़ी बीमारियों को ठीक करने में काफी कारगार माना जाता है। इसी वजह से डॉक्टर डायबिटीज़ के मरीज़ों को एक्सरसाइज और योग करने की सलाह देते हैं। सूर्य नमस्कार भी शुगर पेशेंट के लिए काफी फायदेमंद होता है।

क्या है सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार में पुरे 12 आसन होते हैं ,जो कि 10 अंगों की हेल्प से किये जाते हैं। योग पूरे स्वस्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें जिन आसनों को हम करते हैं ,उसे कुछ खास नामों से जाना जाता है। प्रणामासन ,हस्तउत्तानासन,हस्तपदासन ,अक्षसंचालन आसन ,चतुरंग दंडासन ,अष्टांग नमस्कार ,भुजंगासन ,अधोमुख स्वानासन ,अश्व संचालनासन

वजन कम करने में मददगार

इन 12 आसनों को अगर हम रोज़ करें तो सूर्य नमस्कार बतौर कार्डिओ वैस्कुलर वर्क आउट भी काम करते हैं। इससे पेट की मांसपेशियों में खिचाव आता है ,जिससे पेट की चर्बी कम होती है। साथ ही इस योग को करने से पूरी बॉडी का वेट कण्ट्रोल में रहता है।

स्किन प्रॉब्लम दूर होती है

डाइबिटीज़ के मरीज़ स्किन प्रॉब्लम से भी परेशान रहते हैं ,उनके फेस और शरीर पर जल्दी झुर्रियां आ जाती है। ऐसे में उनके लिए सूर्य नमस्कार करना काफी फ़ायदेमंद माना जाता है। रोज़ सूर्य नमस्कार करने से उनकी त्वचा पर जल्दी झुर्रियां नहीं आती है ,और स्किन में ग्लो भी आ जाता है। सूर्य नमस्कार करने से बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन सही से होता होता है ,जिसके वजह से आपके चेहरे में चमक आती है।

बच्चे भी कर सकते हैं सूर्य नमस्कार

इस योग को करने से मन शांत रहता है और बच्चों में कंसंट्रेशन पावर बढ़ती है। बच्चे अपने किसी भी काम पर सही तरह से फोकस कर पाते हैं। सूर्य नमस्कार करने से बच्चों में सहन -शक्ति भी बढ़ती है। इस योग को 5 साल के बाद बच्चे कर सकते हैं। ये बच्चों के स्ट्रेस को भी कम करता है।

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