आजकल के बच्चे कम उम्र में ही बड़े बन जाते हैं ,छोटी -छोटी बातों को लेकर बहुत सोचने लगते हैं। आजकल के बच्चे खाने खेलने की उम्र में टेंशन पाल के बैठे रहते हैं। जो कि उनके सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। यही सब सोच के छोटे बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं। डिप्रेशन भी एक ऐसी प्रॉब्लम है जिससे बहुत सारे लोग परेशान हैं।
कई बार डिप्रेशन थोड़े समय के लिए ही रहता है ,और कई बार यही डिप्रेशन भयानक रूप ले लेता है। डिप्रेशन तब होता है जब हम हर बात को नकारात्मक रूप से सोचते हैं। जब भी किसी चीज़ के बारे में सोचते हैं और उसके आगे पीछे कोई सकारात्मक बात नज़र नहीं आती। हमारे दिमाग पर जोर पड़ता है। हम अपने दिमाग को आराम नहीं देते ,हम बहुत ज्यादा तनाव में रहते हैं। हमारे ऊपर हमेशा एक दबाव बना रहता है,तो समझो कि आप तनाव की चपेट में आ गए हो।
जब आप तनाव में रहते हो तो आपके शरीर में कई हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है। जैसे एड्रीनलीन और कार्टिसोल है। जब आप लगातार तनाव में रहते हैं तब वह अवसाद का रूप धारण कर लेता है। वैसे अवसाद कोई रोग नहीं है ,बस इस बात का संकेत देता है कि आपका जीवन और शरीर संतुलित नहीं है। कुछ लोग डिप्रेशन को बीमारी मानते है। इसके लक्षण आपको बहार से ही दिखाई देंगे।
आइये हम जानते हैं डिप्रेशन के लक्षणों के बारे में।
किसी भी काम में मन नहीं लगना : डिप्रेशन का यही मुख्य लक्षण है कि व्यक्ति हर समय बहुत परेशान रहता है,परेशानी कि वजह से उसे किसी काम में मन नहीं लगता ,हमेशा चिड़चिड़ापन रहता है। यहां तक कि उसे गम का भी एहसास नहीं होता।
मन में हमेशा नकारात्मक विचार रहता है : हमेशा व्यक्ति के दिमाग में नकारात्मक बातें आती रहती है ,जिससे उसका दिमाग प्रभावित होता है। व्यक्ति कि नकारात्मक सोच वहां तक पहुंच जाती है ,जहां से लोगों का जीवन निरुद्देश्य लगने लगता है।