ज़्यादातर सिजेरियन डिलीवरी सुरक्षित माना जाता है ,लेकिन कभी -कभी पेट या टाँके वाली जगह पर इन्फेक्शन भी हो जाता है। नार्मल के मुकाबले में सिजेरियन डिलीवरी के बाद ठीक होने में ज़्यादा समय लग जाता है। नार्मल डिलीवरी के बाद आपको ठीक होने में ज़्यादा समय नहीं लगता ,जबकि सिजेरियन के बाद पूरी तरह से ठीक होने में कम से कम 4 से 6 हफ्ते लग जातें हैं ,कुछ महिलाओं को ठीक होने में इससे ज्यादा समय लग सकता है। कई बार तो महिलायें नार्मल डिलीवरी के डर से सिजेरियन डिलीवरी करवा लेती हैं। जिसके बाद टांकें को ठीक होने में थोड़ा समय लग जाता है ,और उसके बाद प्रसव की देखभाल भी जरूरी होती है। कई बार सिजेरियन के बाद इन्फेक्शन होने का भी डर रहता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि इन्फेक्शन से कैसे बचा जा सकता है।
घरेलू कामों से बच के रहें : सिजेरियन के बाद घर में होने वाले भारी भरकम कामों से बचें। ज़्यादा भारी सामान ना उठायें ,जल्दी -जल्दी ना चलें।क्योंकि जब आप ज़्यादा काम करती हैं ,तो घावों पर जोड़ पड़ता है ,जिससे घाव फिर से हरा-भरा हो जाता है। इसलिए जितना हो सके रेस्ट करें।
संतुलित आहार लें : घाव को जल्दी ठीक करने और संक्रमण से बचाने के लिए अपने आहार पर ध्यान दें। अपने खान – पान में विटामिन सी को शामिल करें। इसके लिए अपने खान- पान में ब्रॉक्ली ,हरी -सब्जियां ,हरे -ताजेफल वो भी विटामिन सी से भरपूर आदि को शामिल करें।
दवाओं का कोर्स जरूर पूरा करें : जो भी मेडिसिन्स या इंस्ट्रक्शन आपके नर्स या डॉक्टर के द्वारा दी जाती है उसको जरूर पूरा करें। आप अपने दवाई को डॉक्टर के द्वारा बताये गए हिसाब से लें। जब तक एंटीबायोटिक्स को लेने के लिए कहा गया है ,तब तक लें बीच में दवाई ना छोड़ें।
टांकों पर ध्यान ना दें : अगर आपका सिजेरियन डिलीवरी है तो आपको घाव पर नज़र रखना चाहिए। अगर आप नहीं देख सकते हैं तो आप अपने आस-पास के लोगों से चेक करवाएं कहीं कोई इन्फेक्शन तो नहीं हो रहा है। जैसे- जैसे डॉक्टर इंस्ट्रक्शन देता है ,वैसे ही आप फॉलो करें। ताकि आप इन्फेक्शन के खतरे से बचें।