सेक्स के बारे में अपने बच्चे को सही समय पर जरूर बताएं

सेक्स के बारे में अपने बच्चे को सही समय पर जरूर बताएं

Introduction

हमारे देश भारत में आप भी यौन शिक्षा के बारे में अपने बच्चे से बात करने में कतरातें हैं। जब भी बच्चे टी वी देखतें हैं उनमें अलग तरह के विज्ञापनों को देखकर उनके मन में अलग -अलग सवाल आतें हैं ,वही माता -पिता या तो वहाँ से उठ कर चले जातें हैं ,नहीं तो बच्चे को डांट कर भगा देते हैं। लेकिन ये ठीक नहीं हैं आपको अपने बच्चे से इस टॉपिक पर भी खुल कर बात करनी चाहिए आपको कतराना नहीं चाहिए। कुछ बच्चे समझदार होतें हैं।

बातों को समझ लेते हैं ,लेकिन कुछ बच्चे समझदार नहीं होते तो उनके मन में छोटी उम्र में ही यौन सम्बन्ध को लेकर बहुत सारे सवाल आते हैं। अच्छा है कि अगर बच्चों को छोटी उम्र में ही इन सवालों का जवाब मिल जाए तो बढ़ती उम्र में ये बच्चे गलत कदम नहीं उठाएंगे क्योंकि उन्हें सब कुछ पता होगा। हमेशा यह देखा गया है कि अगर माँ -पिता से बच्चे पूछतें हैं कि उनका जन्म कैसे हुआ तो माँ -बाप इस बात को अक्सर टाल देते हैं। सेक्स के बारे में अपने बच्चे को सही समय पर जरूर बताएं

सेक्स के बारे में अपने बच्चे को सही समय पर जरूर बताएं

बच्चों को यौन शिक्षा के बारे में बताना

बच्चों को यौन शिक्षा के बारे में बताने में माँ -पिता को हमेशा जागरूक रहना चाहिए। लेकिन थोड़ी सी मुश्किल तो है इस सम्बन्ध में बच्चों से खुलकर बात करना। कोई भी माँ -पिता अपने बच्चों से इस बारे में कैसे खुलकर बात करेगा। विशेषज्ञों की माने तो ,छोटी उम्र के बच्चों को सही उम्र में ही सेक्स की शिक्षा देना बच्चों के लिए बहुत जरूरी होता है। इसके लिए अपने बच्चे को चार या पांच साल की उम्र से ही प्राइवेट पार्ट्स के बारे में शिक्षा देना शुरू कर दें। अपने बच्चे को शरीर के नाम के साथ प्राइवेट पार्ट्स के बारे में भी बताएं और उन्हें गुड टच और बैड टच के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। आजकल बच्चों को स्कूलों में भी यही शिक्षा दी जाती है ।

9 साल या उससे अधिक

9 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चे ज्यादा समझदार होते हैं। ये बच्चे टी वी ,इंटरनेट देखकर भी काफी कुछ समझ लेते हैं। इनको सही जानकारी के साथ गलत जानकारी भी मिल जाती है इसलिए बच्चों की हरकतों पर माता -पिता का नज़र होना चाहिए और साथ में बच्चों को सही जानकारी भी दें।

10 से 13 साल के बच्चे

10 से 13 साल के बच्चे पढ़ना लिखना जानने लगते हैं और वो अपने आस पास के वातावरण से भी जागरूक होने लगते हैं। इस उम्र में लड़कें हों या लडकियां दोनों को लेकर माता -पिता को सतर्क होना चाहिए। अगर एक बार बच्चे कि संगत गलत हो जाती है तो जीवन तबाह हो सकता है ,रोज़ आये दिन समाचार -पत्रों में दुष्कर्म कि घटनाओं के बारे में हम पढ़ते हैं ,इसे हमें अपने बच्चों को जरूर बताना चाहिए ताकि हमारे बच्चे भी सतर्क रहें।

15 साल के बच्चे

15 साल की उम्र में बच्चे काफी समझदार हो जाते हैं। इस उम्र में उनकी वैचारिक क्षमता भी अधिक विकसित हो जाती है। ऐसे में आपको बच्चों कि सोच को समझना चाहिए और उन्हें समझना भी चाहिए कि सेक्स करना किस उम्र में सही होता है और इसी के साथ आपको यह भी बताना चाहिए कि यौन सम्बंधित बीमारियाँ कौन- कौन सी होती है और कैसे होती है।

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